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शब्द-विचार किसे कहते हैं: परिभाषा एवं प्रकार

शब्द-विचार किसे कहते हैं
Shabd-Vichar
शब्द-विचार
shabd vichar ki paribhasha evam parkar

Table of Contents

शब्द-विचार के बारे में सम्पूर्ण जानकारी

हिंदी व्याकरण के तीन अंग होते हैं। पहला अंग वर्ण होता है जिसके बारे में आप यहाँ पढ़ सकते हैं – वर्ण-विचार। हिंदी व्याकरण का दूसरा अंग शब्द है, जिसके बारे में आज हम आपको विस्तार से बता रहे हैं। यह लेख प्रतियोगी परीक्षाओं (Competitive Exams) को ध्यान में रखकर लिखा गया है।

शब्द-विचार की परिभाषा

शब्द-विचार – हिंदी व्याकरण का वह भाग जिसमें शब्द के शुद्ध उच्चारण, शुद्ध लेखन की विवेचना की जाती है उसे शब्द-विचार कहते हैं। वर्ण-विचार के बाद शब्द-विचार व्याकरण का दूसरा प्रमुख अंग है।


शब्द की परिभाषा

शब्द – एक या एक से अधिक वर्णों के स्वतंत्र एवं सार्थक योग को शब्द कहते हैं। अर्थ के आधार पर भाषा की सबसे छोटी इकाई शब्द होती है। जब किसी शब्द को वाक्य में प्रयुक्त किया जाता है तो उसे पद कहते हैं। जैसे: लड़की, वह, आ, में, राम, कमल इत्यादि शब्द हैं।


शब्द विचार का वर्गीकरण

  • उत्पत्ति या स्त्रोत के आधार पर शब्द के प्रकार
  • व्युत्पत्ति या रचना के आधार पर शब्द के प्रकार
  • अर्थ के आधार पर शब्द के प्रकार
  • रूपांतरण या विकार के आधार पर शब्द के प्रकार

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उत्पत्ति के आधार पर शब्द के 5 भेद होते हैं।

  • तत्सम शब्द
  • तद्भव शब्द
  • देशज शब्द
  • विदेशी शब्द
  • संकर शब्द

तत्सम शब्द की परिभाषा

तत्सम शब्द – तत्सम ‘तत्’ एवं ‘सम’ के योग से बना हुआ शब्द है जिसका अर्थ उसके समान होता है। मूल भाषा संस्कृत के वे शब्द जो हिंदी भाषा में ज्यों के त्यों प्रयुक्त होते हैं उन्हें तत्सम शब्द कहते हैं। जैसे: आम्र, कर्ण, क्षेत्र, अर्पण, आश्चर्य, उत्साह, आमलक, एकत्र, अंक, गर्मी, ग्राम, गायक, ग्रामीण, घृणा, चर्म, चक्र इत्यादि।

तद्भव शब्द की परिभाषा

तद्भव शब्द – मूल भाषा संस्कृत के वे शब्द जिनका हिंदी में रूप परिवर्तन हो गया है उन्हें तद्भव शब्द कहते हैं। जैसे: आग, अनाज, आम, आलस, कोयल, कपूर, गाहक, गोबर, तुरंत, ताम्बा, छाता, गर्दन, चाँद इत्यादि।

देशज शब्द की परिभाषा

देशज शब्द – देशज शब्द देश और ‘ज’ (जन्म लेने वाला) के योग से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है- देश में जन्म लेने वाला। हिंदी में प्रचलित आँचलिक भाषाओं के वे शब्द जो क्षेत्रीय प्रभाव के कारण हिंदी में प्रयुक्त होते हैं उन्हें देशज शब्द कहते हैं। जैसे: खुरपा, गड़बड़, हड़बड़ाहट, ऊटपटाँग, ऊधम, कंजड़, खटपट, खचाखच, खर्राटा, खिड़की, गाड़ी, चम्मच, अनल, नीर, पंडित, माला, ताला, चिकना इत्यादि।

विदेशी शब्द की परिभाषा

विदेशी शब्द – मूल भाषा संस्कृत एवं हिंदी के अतिरिक्त अन्य देशों की भाषाओं के वे शब्द जो हिंदी में प्रयुक्त होते हैं उन्हें विदेशी शब्द कहते हैं। हिंदी भाषा में अंग्रेजी, अरबी, फ़ारसी, चीनी, तिब्बती, जापानी, पुर्तगाली, तुर्की, रूसी, यूनानी इत्यादि भाषाओं के शब्द प्रयुक्त किए जाते हैं। जैसे:

अरबी भाषा के शब्द – अजीब, हिसाब, अदालत, हलवाई, आज़ाद, सुबह, आदमी, शादी, शतरंज, वकील, इज़्ज़त, इलाज़, इंतज़ार, लिफाफा, मतलब, औलाद, इनाम, बहस, फ़ैसला, फ़कीर, कमाल, क़ानून, कुर्सी, किताब, नकद, नशा, नतीजा, क़िस्मत, दौलत, कबीला, दफ्तर, क़ीमत, दुनिया, तमाशा, ग़रीब, जनाब, जलसा, तराजू, जुर्माना, तहसील, तारीख, ज़िला, तूफ़ान, ताक़त।

फारसी भाषा के शब्द – अख़बार, सुल्तान, अमरूद, सौदागर, आराम, सूखा, आवारा, आसमान, शराब, आतिशबाजी, शेर, लगाम, आमदनी, मलाई, मजदूर, कारीगर, कमीना, कुश्ती, नमक, दीवार, खराब, दरवाज़ा, खर्च, खजाना, दवा, ख़ून, दर्जी, गवाह, गुलाब, जानवर, जलेबी, ज़मीन, जगह।

अंग्रेजी भाषा के शब्द – अस्पताल, स्वेटर, स्कूटर, इंजीनियर, सीमेंट, सिलेंडर, एक्स-रे, एजेंट, सिग्नल, सूट, शर्ट, क्लास, कलेक्टर, वारंट, लॉटरी, कॉपी, कार, कैमरा, रेल, रजिस्टर, रेडियो, यूनिफार्म, यूनिवर्सिटी, मेंबर, मजिस्ट्रेट, मास्टर, बैडमिंटन, बिल्डिंग, पाउडर, पोलिंग, पार्लिमेंट, पंचर, फिल्म, फाइल, फुटबॉल, ड्राफ्ट, डॉक्टर, ट्रक, टीचर, टेलीविजन, ट्यूब, टायर, पेन, पोस्टकार्ड,  क्रिकेट, प्लेटफार्म।

पुर्तगाली भाषा के शब्द – अचार, साबुन, अगस्त, संतरा, लबादा, आलपिन, आलू, अनानास, कारबन, कमीज़, पिस्तौल, पादरी, चाबी, पीपा, गोदाम, पतलून, प्याला, पपीता, बस्ता, बाल्टी, बटन।

तुर्की भाषा के शब्द – लाश, बहादुर, मुग़ल, उर्दू, बेग़म, बीवी, ख़ंजर, बावर्ची, कालीन, बारूद, कलंगी, चोगा, चुगली, चेचक, कैंची, काबू, कुर्की।

फ्रांसीसी भाषा के शब्द – सूप, मीनू, मार्शल, रेस्ट्राँ, मेयर, टेबूल, कूपन, कारतूस, काजू।

चीनी भाषा के शब्द – चाय, लीची, लोकाट, तूफान।

डच भाषा के शब्द – तुरुप, बम, चिड़िया, ड्रिल।

जर्मनी भाषा के शब्द – नात्सी, नाजीवाद, किंडर, गार्टन।

जापानी भाषा के शब्द – रिक्शा, सायोनारा।

तिब्बती भाषा के शब्द – लामा, डाँडी।

रुसी भाषा के शब्द – जार, सोवियत, रूबल, स्पुतनिक, बुजुर्ग।

यूनानी भाषा के शब्द – एकेडमी, एटम, एटलस, टेलिफोन, बाइबल।

संकर शब्द की परिभाषा

संकर शब्द – हिंदी भाषा में प्रयुक्त होने वाले वे शब्द जिन्हें दो अलग-अलग भाषाओं के शब्दों को मिला कर बनाया गया हो उन्हें संकर शब्द कहते हैं। जैसे: तपैदिक, अग्निबोट, टिकिट-घर, नेकचलन, नेकनीयत, जाँचकर्ता, रेलगाड़ी, कवि-दरबार इत्यादि।


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व्युत्पत्ति या रचना के आधार पर शब्द के तीन प्रकार होते हैं

एक शब्द से दूसरा नया शब्द बनाने की प्रक्रिया को व्युत्पत्ति कहते हैं। किसी शब्द की रचना प्रक्रिया के आधार पर शब्द तीन प्रकार के होते हैं।

  • रूढ़ शब्द
  • यौगिक शब्द
  • योगरूढ़ शब्द

रूढ़ शब्द की परिभाषा

रूढ़ शब्द – रूढ़ शब्द का अर्थ होता है- निश्चित या तय हो जाना। वे शब्द जो किसी अन्य शब्द के योग से नहीं बने हैं उन्हें रूढ़ शब्द कहते हैं। रूढ़ शब्द की विशेषता यह होती है कि रूढ़ शब्द में संधि, समास, उपसर्ग एवं प्रत्यय नहीं होता है। जैसे: नल, दिन, दीपक, कान, स्त्री, दूध, गाय, रोटी, पेड़, पत्थर, देवता, मेंढक, पीला, झट, पर, आकाश इत्यादि।

यौगिक शब्द की परिभाषा

यौगिक शब्द – वे शब्द जो दो या अधिक रूढ़ शब्दों से मिलकर बनें हों तथा अपने मूल शब्द से संबंधित या किसी अन्य अर्थ का बोध करवाते हों तो उन्हें यौगिक शब्द कहते हैं। संधि, उपसर्ग, प्रत्यय एवं बहुब्रीहि समास के अतिरिक्त शेष सभी समासों से बने हुए शब्द यौगिक शब्द ही होते हैं। जैसे: विधालय, प्रेमसागर, प्रतिदिन, दूधवाला इत्यादि।

योगरूढ़ शब्द की परिभाषा

योगरूढ़ शब्द – वे शब्द जो दो या अधिक रूढ़ शब्दों से मिलकर बनें हों लेकिन वे अपने अर्थ के अलावा किसी एक निश्चित अर्थ के रूढ़ हो गए हों तो उसे योगरूढ़ शब्द कहते हैं। बहुब्रीहि समास के समस्त उदाहरण योगरूढ़ शब्द होते हैं। जैसे: गजानन, दशानन, लम्बोदर, त्रिनेत्र, धनश्याम, चक्रधर, चक्रपाणि इत्यादि।


अर्थ के आधार पर शब्द के दो प्रकार होते हैं।

  • सार्थक शब्द
  • निरर्थक शब्द

सार्थक शब्द की परिभाषा

सार्थक शब्द – सार्थक शब्द ‘स’ और ‘अर्थक’ से बना है जहाँ ‘स’ का अर्थ साथ में या समीप तथा ‘अर्थक’ का तात्पर्य अर्थ से होता है। अतः सार्थक शब्द का शाब्दिक अर्थ हुआ- अर्थ के साथ। वे शब्द जिनका अपना एक निश्चित अर्थ होता है तथा जिनका प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जा सकता है उन्हें सार्थक शब्द कहते हैं। जैसे: चाय, खाना, पीना, पढ़ाई इत्यादि।

निरर्थक शब्द की परिभाषा

निरर्थक शब्द – वे शब्द जिनका अपना कोई अर्थ नहीं होता उन्हें निरर्थक शब्द कहते हैं। निरर्थक शब्द ‘निर्’ और ‘अर्थक’ से बना है जहाँ ‘निर्’ का अर्थ ‘रहित या के बिना’ तथा अर्थक का तात्पर्य अर्थ से होता है। अतः निरर्थक शब्द का शाब्दिक अर्थ हुआ- अर्थ के बिना। जैसे: चाय-वाय, आलतु-फालतु, खाना-वाना, पीना-वीना, पढ़ाई-वढ़ाई इत्यादि। यहाँ वाय, आलतु-फालतु, वाना, वीना, वढ़ाई इत्यादि निरर्थक शब्द हैं।


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रूपांतरण के आधार पर शब्द के दो प्रकार होते हैं।

  • विकारी शब्द
  • अविकारी शब्द

विकारी शब्द की परिभाषा

विकारी शब्द – वे शब्द जिनका रूप, परिवर्तन की इकाइयों (लिंग, वचन, काल, कारक) के अनुसार परिवर्तित हो जाता है उन्हें विकारी शब्द कहते हैं। समस्त संज्ञा शब्द, सर्वनाम शब्द, विशेषण शब्द एवं क्रिया शब्द विकारी शब्द होते हैं। जैसे: लड़का, पुस्तक, छात्र, लड़की इत्यादि। हिंदी व्याकरण में चार विकारी शब्द होते हैं।

अविकारी शब्द की परिभाषा

अविकारी शब्द या अव्यय शब्द – अविकारी शब्द ‘अ’ और ‘विकारी’ से बना है जिसका अर्थ विकार के बिना होता है। अतः वे शब्द जिनका रूप, परिवर्तन की इकाइयों (लिंग, वचन, काल, कारक) के अनुसार परिवर्तित नहीं होता है उन्हें अविकारी शब्द कहते हैं। अविकारी शब्दों में समस्त क्रियाविशेषण, संबंधबोधक अव्यय, समुच्चय बोधक अव्यय तथा विस्मयादिबोधक अव्यय शब्द आते हैं। हिंदी व्याकरण में चार अविकारी शब्द होते हैं।

  • क्रियाविशेषण
  • संबंधबोधक अव्यय
  • समुच्चय बोधक अव्यय
  • विस्मयादिबोधक अव्यय

शब्द विचार से सम्बंधित किसी भी तरह की जानकारी के लिए आप कमेंट बॉक्स में सवाल पूछ सकते हैं।

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शब्द – विचार Wikipedia

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