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बहुव्रीहि समास किसे कहते हैं: परिभाषा, भेद और उदाहरण – Bahuvrihi Samas Kise Kahate Hain

Bahuvrihi Samas

Bahuvrihi Samas

इस लेख में हम बहुव्रीहि समास (Bahuvreehi Samaas) के बारे में विस्तारपूर्वक बता रहे हैं. इस लेख में बहुव्रीहि समास की परिभाषा (Bahuvrihi Samas Ki Paribhasha), बहुव्रीहि समास के उदाहरण (Bahuvrihi Samas Examples in Hindi), बहुव्रीहि समास के विशेष तथ्य के बारे में बता रहे हैं. अतः बहुव्रीहि समास के बारे में सम्पूर्ण जानकारी हासिल करने के लिए पूरे लेख को धैर्य पूर्वक पढ़ें और कॉमेंट बॉक्स में अपनी राय और सवाल ViaHindi.in के साथ साझा करें।

Bahuvrihi Samas
Bahuvrihi Samas

Bahuvrihi Samas in Hindi

बहुव्रीहि समास का सूत्र:- प्रायेणान्यपदार्थप्रधानो बहुव्रीहि:

Bahuvrihi Samas Ki Paribhasha – यदि किसी सामासिक पद में प्रयुक्त प्रथम एवं द्वितीय दोनों पद अपना मूल अर्थ खोकर अन्य अर्थ प्रकट करने लगे तो उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं। इस समास में दोनों पद अप्रधान होते हैं, अर्थात इस समास में अन्य पद के अर्थ की प्रधानता होती है। इस समास के सामासिक पद का समास-विग्रह करते समय पुर्व एवं पर पद के मध्य जो / जिसका / जिसकी / जिसके इत्यादि शब्दों का प्रयोग किया जाता है।

बहुव्रीहि समास के उदाहरण (Bahuvrihi Samas Ke Udaharan)

  • त्रिनेत्र = तीन हैं नेत्र वह (शिव जी)
  • आशुतोष = आशु (शीघ्र) हो जाता है जो तोष (संतुष्ट) – (शिव जी)
  • चंद्रमौली = चंद्र है मौली पर जिसके वह (शिव जी)
  • चंद्रचूड़ = चंद्र है चूड़ा पर जिसके वह (शिव जी)
  • चंद्रशेखर = चंद्र है शेखर पर जिसके वह (शिव जी)
  • उमेश = उमा का है ईश जो वह (शिव जी)
  • शूलपाणि = शूल है पाणि में जिसके वह (शिव जी)
  • तिरंगा = तीन है रंग जिसमें वह (राष्ट्रध्वज)
  • शाखामृग = शाखा पर दौड़ता है जो मृग वह (बंदर)
  • वक्रोदर = वक्र है उदर जिसका वह (गणेश)
  • लम्बोदर = लम्बा है उदर जिसका वह (गणेश)
  • दिनेश = दिन है ईश जो वह (सूर्य)

मूल व्याकरण, संस्कृत व्याकरण, में बहुव्रीहि समास के चार भेद होते हैं- व्याधिकरण बहुव्रीहि समास, समानाधिकरण बहुव्रीहि समास, तुल्यभोग बहुव्रीहि समास और व्यतिहार बहुव्रीहि समास।

हिंदी व्याकरण में बहुव्रीहि समास के इन भेदों को स्वीकार नहीं किया जाता।

बहुव्रीहि समास से सम्बंधित तथ्य

कुछ सामासिक पद ऐसे भी होते हैं जिनमें एक से अधिक समासों के गुण होते हैं। इस स्थिति में सर्वप्रथम बहुव्रीहि समास को ही प्राथमिकता देनी चाहिए। यदि उस सामासिक पद में बहुव्रीहि समास नहीं हो तो समास के अन्य प्रकारों पर विचार करना चाहिए।

उदाहरण के लिए:

यदि किसी सामासिक पद का प्रयोग वाक्य में हुआ है तो वहाँ उस वाक्य के अर्थ के आधार पर उस सामासिक पद के समास का आंकलन किया जाता है।

उदाहरण के लिए:

पीताम्बर शब्द का वाक्य में प्रयोग:

  • पीताम्बर सूख रहे हैं. (कर्मधारय समास)
  • पीताम्बर सबकी रक्षा करेंगे। (बहुव्रीहि समास)

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