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Pratyay – प्रत्यय की परिभाषा, भेद एवं उदाहरण

Table of Contents

Pratyay Kise Kahate Hain

इस लेख में हम आपको ‘प्रत्यय’ के बारे में बता रहे हैं। यह लेख प्रतियोगी परीक्षाओं को ध्यान में रखकर लिखा गया है। अतः लेख को पूरा पढ़िए और प्रत्यय के बारे में अपनी समझ का विस्तार कीजिए।

प्रत्यय की परिभाषा

प्रत्यय वे शब्दांश जो किसी शब्द या धातु के अंत में जुड़कर उसके अर्थ को प्रभावित कर देते हैं उन्हें प्रत्यय कहते हैं। प्रत्यय शब्द, ‘प्रति’ उपसर्ग एवं ‘अय’ को यण संधि द्वारा जोड़ने पर बनता है, जहाँ प्रत्यय का शाब्दिक अर्थ पीछे आना होता है।

प्रत्यय के उदाहरण

धातु / शब्द + प्रत्ययनया शब्द
चढ़ + आई चढ़ाई
मिल + आवट मिलावट
घबरा + आहट घबराहट
कृ + तव्य कर्तव्य
बच्चा + पन बचपन
अपना + त्व अपनत्व
दूर + ई दूरी
गरीबी + ई गरीबी
pratyay ke udahran

प्रत्यय के विशेष तथ्य


प्रत्यय के प्रकार या भेद

कृत् प्रत्यय

कृत् प्रत्यय – वे प्रत्यय जो क्रिया या धातु शब्दों के साथ प्रयुक्त होते हैं उन्हें कृत् प्रत्यय कहते हैं। कृत् प्रत्यय जुड़ने से बनने वाले शब्द कृदन्त कहते हैं।

कृत् प्रत्यय के उदाहरण

धातु / शब्द + कृत् प्रत्यय नया शब्द
सज + आवट सजावट
लिख + अक लेखक
काट + आई कटाई
मिल + आपमिलाप
उतर + अनउतरन
कृ + ताकर्ता
स्था + अनीयस्थानीय
वृ + अनवरण
कृत् प्रत्यय के उदाहरण

कृत् प्रत्यय के भेद

कर्तृवाचक कृत् प्रत्यय

कर्तृवाचक कृत् प्रत्यय – यदि किसी वाक्य में प्रयुक्त कर्ता कारक कृत प्रत्यय के योग से बना हो तो उसे कर्तृवाचक कृत् प्रत्यय कहते हैं।

कर्तृवाचक कृत् प्रत्यय के उदाहरण

कर्मवाचक कृत् प्रत्यय

कर्मवाचक कृत् प्रत्यय – यदि किसी वाक्य में प्रयुक्त कर्म कारक कृत प्रत्यय के योग से बना हो तो उसे कर्मवाचक कृत् प्रत्यय कहते हैं।

कर्मवाचक कृत् प्रत्यय के उदाहरण

करणवाचक कृत् प्रत्यय

करणवाचक कृत् प्रत्यय – यदि किसी वाक्य में प्रयुक्त करण कारक कृत प्रत्यय के योग से बना हो तो उसे करणवाचक कृत् प्रत्यय कहते हैं।

करणवाचक कृत् प्रत्यय के उदाहरण

भाववाचक कृत् प्रत्यय

भाववाचक कृत् प्रत्यय – यदि किसी वाक्य में भाववाचक संज्ञा को प्रकट करने वाला शब्द कृत प्रत्यय के योग से बना हो तो उसे भाववाचक कृत् प्रत्यय कहते हैं।

भाववाचक कृत् प्रत्यय के उदाहरण
धातु / शब्द + कृत् प्रत्ययनया शब्द
कृ + अनकरण
मृ + अनमरण
हस् + अ हास
बच + अत बचत
चढ़ + आव चढ़ाव
भाववाचक कृत् प्रत्यय के उदाहरण

क्रियावाचक कृत् प्रत्यय

क्रियावाचक कृत् प्रत्यय – वे प्रत्यय जो क्रिया का बोध करवाते हों उन्हें क्रियावाचक कृत् प्रत्यय कहते हैं। यदि किसी धातु के साथ वाक्य में हुआ, हुई, हुए, ना जुड़ा हुआ हो वहा क्रियावाचक कृत् प्रत्यय माना जाता है।

क्रियावाचक कृत् प्रत्यय के उदाहरण

यह भी पढ़ें:- उपसर्ग एवं उसके भेद


तद्धित प्रत्यय

वे प्रत्यय जो संज्ञा, सर्वनाम तथा विशेषण शब्दों के साथ जुड़कर उनके अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं उन्हें तध्दित प्रत्यय कहते हैं। तध्दित प्रत्यय के जुड़ने से बनने वाले शब्द को तध्दितान्त कहते हैं।

तद्धित प्रत्यय के उदाहरण

शब्द + तद्धित प्रत्ययनया शब्द 
बालक + पनबालकपन 
मित्र + तामित्रता 
अपना + त्व अपनत्व 
अहम् + कारअहंकार 
सर्व + स्वसर्वस्व
अच्छा + आई अच्छाई 
समीप + यसामीप्य
तध्दित प्रत्यय के उदाहरण

तद्धित प्रत्यय के भेद

कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय

कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय – वे प्रत्यय जो किसी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्द के साथ जुड़कर कर्ता वाचक शब्द का निर्माण करते हैं उन्हें कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं। यदि किसी वाक्य में प्रयुक्त कर्ता कारक तद्धित प्रत्यय के योग से बना हो तो उसे कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय माना जाता है।

कर्तृवाचक तद्धित प्रत्यय के उदाहरण

भाववाचक तद्धित प्रत्यय

भाववाचक तद्धित प्रत्यय – वे प्रत्यय जो किसी संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्द के साथ जुड़कर भाववाचक संज्ञा शब्द का निर्माण करते हैं उन्हें भाववाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं। आसान भाषा में कहें तो तद्धित प्रत्यय से बना हुआ कोई शब्द यदि भाववाचक संज्ञा का बोध कराता है तो वह भाववाचक तद्धित प्रत्यय होगा।

भाववाचक तद्धित प्रत्यय के उदाहरण
शब्द + भाववाचक तद्धित प्रत्ययभाववाचक संज्ञा शब्द
युवा + अनयौवन
भला + आईभलाई 
गरीब + ईगरीबी 
गुरु + अगौरव
कुशल + अकौशल
महात्मा + यमहात्म्य
मम + ताममता
दूर + ईदूरी
भाववाचक तद्धित प्रत्यय

संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय

संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय – वे तद्धित प्रत्यय जो किसी शब्द के साथ जुड़कर संबंध वाचक शब्द का निर्माण करते हैं उन्हें संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं।

संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय के उदाहरण
मूल शब्द + संबंधवाचक तद्धित प्रत्ययअर्थ
भारत + ईयभारतीय – भारत से संबंधित
राष्ट्र + ईयराष्ट्रीय – राष्ट्र से संबंधित
समाज + इकसामाजिक – समाज से संबंधित
शरीर + इकशारीरिक – शरीर से संबंधित
मामा + एराममेरा – मामा से संबंधित
ननद + ओई  ननदोई – ननद से संबंधित
संबंधवाचक तद्धित प्रत्यय

अप्रत्यवाचक तद्धित प्रत्यय

अप्रत्यवाचक तद्धित प्रत्यय – अप्रत्य शब्द का शाब्दिक अर्थ ‘संतान’ होता है। अतः वे प्रत्यय जिनके संज्ञा शब्दों के साथ जुड़ने से संतान का बोध होता हो उन्हें अप्रत्यवाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं।

अप्रत्यवाचक तद्धित प्रत्यय के उदाहरण
मूल शब्द + अप्रत्यवाचक तद्धित प्रत्ययसंतानबोधक शब्द
मनु + अमानव
दनु + अदानव
रघु + अराघव
गंगा + एयगांगेय
अंजनी + एयआन्जनेय
अग्नि + एयआग्नेय
अदिति + यआदित्य
जनक + ईजानकी
अप्रत्यवाचक तद्धित प्रत्यय

उनवाचक तद्धित प्रत्यय

उनवाचक तद्धित प्रत्यय – उनता का शाब्दिक अर्थ ‘कमजोर या हीन होना’ होता है। अतः वे तद्धित प्रत्यय जिनके संज्ञा, सर्वनाम या विशेषण शब्दों के साथ जुड़ने से यदि कोई शब्द मूल शब्द की तुलना में लघुता का अर्थ प्रकट करें तो उन्हें उनवाचक प्रत्यय कहते हैं।

उनवाचक तद्धित प्रत्यय के उदाहरण
मूल शब्द + उनवाचक तद्धित प्रत्यय लघुता प्रदर्शित करता शब्द
पहाड़ + ईपहाड़ी
झंडा + ईझंडी
खाट + औलाखटोला
डिब्बा + इयाडिबिया
पत्र + इकापत्रिका
लता + इकालतिका
लालू + उआललुआ
दुख + ड़ादुखड़ा
उनवाचक तद्धित प्रत्यय के उदाहरण

स्त्रीवाचक तद्धित प्रत्यय

स्त्रीवाचक तद्धित प्रत्यय – वे प्रत्यय जो किसी पुल्लिंग वाचक शब्द को स्त्रीलिंग वाचक शब्द में परिवर्तित कर देते हैं उन्हें स्त्री वाचक तद्धित प्रत्यय कहते हैं।

स्त्रीवाचक तद्धित प्रत्यय के उदाहरण
पुल्लिंग वाचक शब्द + स्त्रीवाचक तद्धित प्रत्यय स्त्रीलिंग वाचक शब्द
छात्र + आछात्रा
माली + इनमालिन
देव + ईदेवी
चाचा + ईचाची
मोर + नीमोरनी
शेर + नीशेरनी
देवर + आनीदेवरानी
ठाकुर + आइनठकुराइन
लाला + आइनललाइन
स्त्रीवाचक तद्धित प्रत्यय के उदाहरण

संज्ञा की परिभाषा, भेद और उदाहरण

  1. भाववाचक संज्ञा की परिभाषा और उदाहरण
  2. जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा और उदाहरण
  3. व्यक्तिवाचक संज्ञा की परिभाषा और उदाहरण

सर्वनाम की परिभाषा, भेद और उदाहरण

  1. संबंधवाचक सर्वनाम की परिभाषा एवं उदाहरण
  2. निजवाचक सर्वनाम की परिभाषा एवं उदाहरण
  3. प्रश्नवाचक सर्वनाम की परिभाषा एवं उदाहरण
  4. अनिश्चयवाचक सर्वनाम की परिभाषा एवं उदाहरण
  5. निश्चयवाचक सर्वनाम की परिभाषा एवं उदाहरण
  6. पुरुषवाचक सर्वनाम की परिभाषा, भेद और उदाहरण

समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण

  1. अव्ययीभाव समास की परिभाषा, भेद एवं उदाहरण
  2. द्विगु समास की परिभाषा और उदाहरण
  3. कर्मधारय समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण
  4. बहुव्रीहि समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण
  5. द्वन्द्व समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण
  6. तत्पुरुष समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण

वाक्य की परिभाषा, भेद एवं उदहारण

  1. मिश्र वाक्य की परिभाषा एवं उदाहरण
  2. संयुक्त वाक्य की परिभाषा एवं उदाहरण
  3. साधारण वाक्य की परिभाषा एवं उदहारण

विशेषण की परिभाषा, भेद और उदाहरण

  1. परिमाणवाचक विशेषण की परिभाषा, भेद और उदाहरण
  2. संख्यावाचक विशेषण की परिभाषा, भेद और उदाहरण
  3. गुणवाचक विशेषण की परिभाषा और उदाहरण
  4. सार्वनामिक विशेषण की परिभाषा, भेद एवं उदाहरण
  5. विशेष्य की परिभाषा एवं उदाहरण
  6. प्रविशेषण की परिभाषा एवं उदाहरण

क्रिया की परिभाषा, भेद और उदाहरण

  1. सामान्य क्रिया की परिभाषा और उदाहरण
  2. पूर्वकालिक क्रिया की परिभाषा एवं उदाहरण
  3. नामधातु क्रिया की परिभाषा और उदाहरण
  4. संयुक्त क्रिया की परिभाषा, भेद और उदाहरण
  5. अकर्मक क्रिया की परिभाषा, भेद एवं उदाहरण
  6. प्रेरणार्थक क्रिया की परिभाषा, भेद और उदाहरण
  7. सकर्मक क्रिया की परिभाषा, भेद और उदाहरण

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