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साधारण या सरल वाक्य: परिभाषा एवं उदहारण

Sadharan Vakya

Sadharan Vakya

साधारण वाक्य की परिभाषा (Sadharan Vakya Ki Paribhasha)

यदि किसी वाक्य में एक संज्ञा उद्देश्य एवं एक क्रिया विधेय हो तो उसे साधारण वाक्य कहते हैं। यदि किसी वाक्य में एक से अधिक कर्ता हों तथा उनकी क्रिया भी समान हो तो उस वाक्य को भी साधारण वाक्य ही माना जाता है, क्योंकि समान क्रिया वाले समस्त कर्ता एक ही उद्देश्य को दर्शाते हैं।

साधारण वाक्य को सरल वाक्य भी कहा जाता है।

यदि किसी सरल वाक्य में एक से अधिक क्रियाएँ हों, लेकिन उन सभी क्रियाओं का कर्ता एक ही हो तो सभी क्रियाओं को एक ही विधेय माना जाता है. इसलिए वाक्य में एक से अधिक क्रियाओं का कर्ता एक होने पर वाक्य सरल वाक्य होता है।

यदि किसी वाक्य में एक से अधिक कर्ता हों तथा सभी कर्ताओं की क्रियाएं एक से अधिक और समान हों तो वाक्य को सरल वाक्य ही माना जाता है, क्योंकि समान क्रियाएं करने वाले समस्त कर्ताओं को एक उद्देश्य तथा समान कर्ताओं वाली समस्त क्रियाओं को एक विधेय माना जाता है।

साधारण वाक्य में उद्देश्य मुख्यतः कर्ता कारक में होता है; लेकिन कभी-कभी उद्देश्य अन्य कारकों में भी आता है।

साधारण वाक्य के उदहारण (Sadharan Vakya Ke Udaharan)

Sadharan Vakya

साधारण या सरल वाक्य से जुड़े महत्वपूर्ण सवाल

साधारण वाक्य क्या है?

जिस वाक्य में एक ही कर्ता और एक ही क्रिया होती है, अर्थात एक ही उद्देश्य एवं एक ही विधेय होता है उसे साधारण वाक्य कहते हैं.

सरल वाक्य में कितने क्रियाएं होते हैं?

सरल वाक्य में एक क्रिया होती है. एक से अधिक क्रिया होने पर उन सभी क्रियाओं का कर्ता एक होगा।

सरल वाक्य की क्या पहचान है?

सरल वाक्य की पहचान यह होती है की सरल वाक्य में एक उद्देश्य एवं एक क्रिया होती है. एक से अधिक कर्ता होने पर भी सभी कर्ताओं की क्रिया सामान रहती है तथा एक से अधिक क्रिया होने पर उन सभी क्रियाओं का कर्ता एक होगा।

सरल वाक्य में कितने उद्देश्य और विधेय होते हैं?

सरल वाक्य में एक उद्देश्य एवं एक विधेय होता है.

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