Site icon Via Hindi

संबंधबोधक अव्यय (Sambandhbodhak Avyay) की सम्पूर्ण जानकारी

Table of Contents

अविकारी शब्द या अव्यय शब्द (Avaya Shabd)

वह शब्द जिसके रूप में लिंग / वचन / पुरुष के आधार पर कोई परिवर्तन नहीं होता उस शब्द को अविकारी शब्द या अव्यय शब्द कहते हैं।

अव्यय शब्द के उदाहरण

उपरोक्त सभी उदाहरणों में आप देख सकते हैं की तेज़ शब्द अपरिवर्तित रहता है.

अविकारी शब्द के भेद

  1. संबंधबोधक अव्यय
  2. समुच्चय बोधक अव्यय
  3. विस्मयादि बोधक अव्यय
  4. क्रियाविशेषण अव्यय
Sambandhbodhak Avyay

संबंधबोधक अव्यय किसे कहते हैं – Sambandhbodhak Avyay Kise Kahte hai.

संबंधबोधक अव्यय की परिभाषा – संबंध का बोध करवाने वाले अव्यय पदों को संबंधबोधक अव्यय कहते हैं। इनका प्रयोग दो संज्ञा या सर्वनाम पदों को जोड़ने के लिए किया जाता है। जैसे: हेतु, लिए, कारण, मारे, चलते, संग, साथ, सहित, बिना, बगैर, अलावा, अतिरिक्त, वास्ते, बिन, बदले, पलटे, आगे, पीछे, इधर, उधर पास-पास इत्यादि संबंधबोधक अव्यय हैं।

हिंदी में बहुत से संबंधबोधक अव्यय उर्दू और संस्कृत से आए हैं. जैसे:

संबंधबोधक अव्यय के उदाहरण 

कभी-कभी समय और स्थान का बोध करवाने वाले अव्यय पद क्रिया विशेषण भी होते हैं और संबंधबोधक अव्यय भी। यदि किसी वाक्य में कोई अव्यय पद स्वतंत्र रूप से क्रिया की विशेषता बताता है तो उसे क्रिया विशेषण कहते हैं; लेकिन जब इनका प्रयोग संज्ञा या सर्वनाम शब्दों के साथ होता है तो उसे संबंधबोधक अव्यय कहेंगे।

संबंधबोधक अव्यय के उदाहरण

यह भी पढ़ें: क्रिया किसे कहते हैं

सम्बन्ध बोधक अव्यय के भेद – Sambandhbodhak Avyay Ke Bhed

  1. प्रयोग के आधार पर
  2. व्युतप्ति के आधार पर
  3. काल के आधार पर

प्रयोग के आधार पर संबंधबोधक अव्यय के भेद

प्रयोग के आधार पर सम्बन्धबोधक अव्यय दो प्रकार के होते हैं।

  1. संबद्ध सम्बन्धबोधक अव्यय
  2. अनुबद्ध सम्बन्धबोधक अव्यय

संबद्ध सम्बन्धबोधक अव्यय – जिन सम्बन्धबोधक अव्ययों का प्रयोग किसी कारक चिन्ह के बाद किया जाता है उन्हें संबद्ध सम्बन्धबोधक अव्यय कहते हैं। किसी वाक्य में संज्ञा शब्दों की विभक्तियों के पीछे इन अव्यय पदों का प्रयोग किया जाता है. जैसे: घर के बिना, भोजन से पहले आदि।

संबद्ध सम्बन्धबोधक अव्यय के उदाहरण

अनुबद्ध सम्बन्धबोधक अव्यय – जिन सम्बन्धबोधक अव्ययों का प्रयोग संज्ञा के विकृत रूप के साथ किया जाता है उन्हें अनुबद्ध सम्बन्धबोधक अव्यय कहते हैं। जैसे: सखियों सहित, पुत्रों समेत आदि।

अनुबद्ध सम्बन्धबोधक अव्यय के उदाहरण

व्युत्पत्ति के आधार पर संबंधबोधक अव्यय के भेद

व्युत्पत्ति के आधार पर सम्बन्धबोधक अव्यय दो प्रकार के होते हैं।

  1. मूल संबंधबोधक अव्यय
  2. यौगिक संबंधबोधक अव्यय

मूल संबंधबोधक अव्यय – वे संबंधबोधक अव्यय जिनमें किसी अन्य शब्द का योग नहीं होता है उन्हें मूल संबंधबोधक अव्यय कहते हैं. हिंदी में मूल संबंधबोधक अव्यय बहुत कम हैं. जैसे: बिना, पर्यंत, नाईं, पूर्वक इत्यादि।

यौगिक संबंधबोधक अव्यय – वे संबंधबोधक अव्यय जिनका निर्माण दो शब्दों को मिलाकर होता है उन्हें यौगिक संबंधबोधक अव्यय कहते हैं. जैसे: मारफत, नाम, समान, सरीखा, भीतर, बाहर, पास, परे, मारे, जान, करके।

काल के आधार पर संबंधबोधक अव्यय के भेद

काल के आधार पर संबंधबोधक अव्यय के 13 भेद होते हैं. इन सभी भेदों से सम्बंधित व्याकरण के कोई नियम नहीं है इसलिए काल के आधार पर सम्बन्धबोधक अव्यय के वर्गीकरण की ज़रूरत नहीं होती है.

  1. कालवाचक संबंधबोधक अव्यय
  2. स्थानवाचक संबंधबोधक अव्यय
  3. दिशावाचक संबंधबोधक अव्यय
  4. साधनवाचक संबंधबोधक अव्यय
  5. हेतुवाचक संबंधबोधक अव्यय
  6. विषयवाचक संबंधबोधक अव्यय
  7. व्यतिरेकवाचक संबंधबोधक अव्यय
  8. विनिमयवाचक संबंधबोधक अव्यय
  9. सादृश्यवाचक संबंधबोधक अव्यय
  10. विरोधवाचक संबंधबोधक अव्यय
  11. सहचारवाचक संबंधबोधक अव्यय
  12. संग्रहवाचक संबंधबोधक अव्यय
  13. तुलनवाचक संबंधबोधक अव्यय

समुच्चयबोधक अव्यय

समुच्चय का अर्थ समूह होता है। वह अव्यय पद जो एक वाक्य का संबंध दूसरे वाक्य से करवाता है उसे समुच्चयबोधक अव्यय कहते हैं। किसी वाक्य में प्रयुक्त उपवाक्यों को जोड़ने के लिए समुच्चयबोधक अव्यय का प्रयोग किया जाता है। जैसे: लेकिन, किंतु, परंतु, और, अथवा, या, तथा, व, एवं, बल्कि, इसलिए, जो, जिसे, जिन्हें, जैसे-जैसे इत्यादि समुच्चयबोधक अव्यय शब्द हैं।

एक या एक से अधिक उपवाक्य संयुक्त वाक्य एवं मिश्रित वाक्य में होते हैं। अतः संयुक्त वाक्य एवं मिश्रित वाक्य में प्रयुक्त उपवाक्यों को जोड़ने वाले योजक शब्द समुच्चयबोधक अव्यय होते हैं।

समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण

समुच्चयबोधक अव्यय के दो भेद होते हैं

  1. समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय
  2. व्याधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय

समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय

जिन अव्ययों के द्वारा मुख्य वाक्य जोड़े जाते हैं उन्हें समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय कहते हैं. इसमें योजक पद एक ही होता है.

समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण

व्याधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय

जिन अव्यय पदों के प्रयोग से किसी एक वाक्य में एक या अधिक आश्रित वाक्य जोड़े जाते है. उन्हें व्याधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय कहते है.

व्याधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय के उदाहरण

विस्मयादिबोधक अव्यय

आश्चर्य या अचरज का बोध करवाने वाले अव्यय पदों को विस्मयादिबोधक अव्यय कहते हैं। आश्चर्य या अचरज के अतिरिक्त ईर्ष्या के भाव, दुख के भाव तथा खुशी के भाव इत्यादि का बोध करवाने वाले अव्यय पद भी विस्मयादिबोधक अव्यय होते हैं। इन अव्ययों का संबंध वाक्य से नहीं होता है बल्कि ये वक्ता के भाव को दर्शाते हैं।

वक्ता के विभिन्न मनोविकारों को दर्शाने के लिए भिन्न-भिन्न विस्मयादिबोधक प्रयुक्त किए जाते हैं।

विस्मयादिबोधक अव्यय के उदाहरण

किसी वाक्य को कहते समय वक्ता का जो मनोभाव होता है वही विस्मयादिबोधक अव्यय का उपभेद भी मान लिया जाता है।

आज के इस लेख में हमने आपको संबंधबोधक अव्यय के बारे में बताया है. यह लेख प्रतियोगी परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए लिखा गया है.

धन्यवाद

Other Posts Related to Hindi Vyakran

संज्ञा की परिभाषा, भेद और उदाहरण

  1. भाववाचक संज्ञा की परिभाषा और उदाहरण
  2. जातिवाचक संज्ञा की परिभाषा और उदाहरण
  3. व्यक्तिवाचक संज्ञा की परिभाषा और उदाहरण

सर्वनाम की परिभाषा, भेद और उदाहरण

  1. संबंधवाचक सर्वनाम की परिभाषा एवं उदाहरण
  2. निजवाचक सर्वनाम की परिभाषा एवं उदाहरण
  3. प्रश्नवाचक सर्वनाम की परिभाषा एवं उदाहरण
  4. अनिश्चयवाचक सर्वनाम की परिभाषा एवं उदाहरण
  5. निश्चयवाचक सर्वनाम की परिभाषा एवं उदाहरण
  6. पुरुषवाचक सर्वनाम की परिभाषा, भेद और उदाहरण

समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण

  1. अव्ययीभाव समास की परिभाषा, भेद एवं उदाहरण
  2. द्विगु समास की परिभाषा और उदाहरण
  3. कर्मधारय समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण
  4. बहुव्रीहि समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण
  5. द्वन्द्व समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण
  6. तत्पुरुष समास की परिभाषा, भेद और उदाहरण

वाक्य की परिभाषा, भेद एवं उदहारण

  1. मिश्र वाक्य की परिभाषा एवं उदाहरण
  2. संयुक्त वाक्य की परिभाषा एवं उदाहरण
  3. साधारण वाक्य की परिभाषा एवं उदहारण

विशेषण की परिभाषा, भेद और उदाहरण

  1. परिमाणवाचक विशेषण की परिभाषा, भेद और उदाहरण
  2. संख्यावाचक विशेषण की परिभाषा, भेद और उदाहरण
  3. गुणवाचक विशेषण की परिभाषा और उदाहरण
  4. सार्वनामिक विशेषण की परिभाषा, भेद एवं उदाहरण
  5. विशेष्य की परिभाषा एवं उदाहरण
  6. प्रविशेषण की परिभाषा एवं उदाहरण

क्रिया की परिभाषा, भेद और उदाहरण

  1. सामान्य क्रिया की परिभाषा और उदाहरण
  2. पूर्वकालिक क्रिया की परिभाषा एवं उदाहरण
  3. नामधातु क्रिया की परिभाषा और उदाहरण
  4. संयुक्त क्रिया की परिभाषा, भेद और उदाहरण
  5. अकर्मक क्रिया की परिभाषा, भेद एवं उदाहरण
  6. प्रेरणार्थक क्रिया की परिभाषा, भेद और उदाहरण
  7. सकर्मक क्रिया की परिभाषा, भेद और उदाहरण

व्यंजन की परिभाषा, भेद और वर्गीकरण

  1. उत्क्षिप्त व्यंजन
  2. संघर्षहीन व्यंजन
  3. प्रकम्पित व्यंजन
  4. संघर्षी व्यंजन
  5. स्पर्श व्यंजन
  6. नासिक्य व्यंजन
  7. स्पर्श संघर्षी व्यंजन
  8. पार्श्विक व्यंजन

विराम चिह्न की परिभाषा, भेद और नियम

  1. योजक चिह्न
  2. अवतरण चिह्न
  3. अल्प विराम
  4. पूर्ण विराम चिह्न
Exit mobile version